आज जो कुछ भी मेरी इज़्ज़त है बस मेरे यार की बदौलत है इश्क़ कर इश्क़ ऐ दिल-ए-नादाँ इश्क़ सब से बड़ी इबादत है लीजिए आज कह ही देते हैं हाँ हमें आप से मोहब्बत है जितना जी चाहे खेलिए दिल से आप को हर तरह इजाज़त है चाहता हूँ की देखता ही रहूँ वो जो एक चाँद जैसी सूरत है इस ज़माना में प्यार का मतलब सिर्फ़ एक रात की ज़रूरत है जिस पे शाहों के सर भी झुकते हैं ऐसे एक दर से मेरी निस्बत है ऐसे माहौल में मियाँ 'तारीफ़' जी रहे हैं यही ग़नीमत है