आँखों में सितारे रहने दे जीने के सहारे रहने दे हम कश्ती जला कर आए हैं अब रूप किनारे रहने दे उस हुस्न-समुंदर की जानिब बहते हुए धारे रहने दे ये वक़्त तो अंधा सूरज है क्यों रंग तुम्हारे रहने दे मत छीन पनपती उम्मीदें कुछ पास हमारे रहने दे वो याद तो आएगा लेकिन अब कौन पुकारे रहने दे हम हिज्र-ज़दों की बस्ती में कुछ हिज्र के मारे रहने दे नज़रों के तसादुम में लर्ज़ां मौहूम इशारे रहने दे