आंधियों को पता चला कैसे घर का छप्पर तिरे उड़ा कैसे किस ने इन बिजलियों को दावत दी आशियाँ तेरा ही जला कैसे जब हवा ख़ुद तिरे मुख़ालिफ़ थी फिर दिया तेरा बुझ गया कैसे भेड़िया मेमने को ले आ चुका सग ये सब देखता रहा कैसे रुक गया था निज़ाम-ए-हस्ती जब हादिसा फिर भला हुआ कैसे किस का इल्ज़ाम तेरे सर है 'नसीम' चर्चा तेरा है जा-ब-जा कैसे