आँखों आँखों कट गई रात दिल की दिल में रह गई बात ता'ने तोहमत इल्ज़ामात इश्क़ ने बख़्शी ये सौग़ात गेसू अबरू आरिज़ लब हुस्न के दिलकश मौज़ूआत इश्वे ग़म्ज़े नाज़-ओ-अदा हुस्न के क्या क्या उन्वानात यादें सपने आँसू कर्ब इश्क़ के अपने मा'मूलात अकड़ी छकड़ी भूला है दिल ने खाई ऐसी मात क़ाबू पाना मुश्किल है ऐसे मचले हैं जज़्बात कोठों कोठों चढ़ती है मुँह से जब भी निकले बात मुझ पर उन की चश्म-ए-करम उस के कब हैं इम्कानात आहें आँसू सदमे ग़म मुझ पर उन के एहसानात किस ने क्या क्या पाया है अपनी अपनी तोफ़ीक़ात दुनिया कैसी लगती है अपने अपने महसूसात जिस की लाठी उस की भैंस सारी दुनिया के हालात दौर-ए-हाज़िर में 'बेबाक' हम जैसों की क्या औक़ात