आप आते तो बात बनती भी आप रुकते तो हाल कहते नाँ आप मिलते थे जी रहे थे हम मिलते रहते तो ज़िंदा रहते नाँ आप का हिज्र सह लिया हम ने ये क़यामत जो आप सहते नाँ आप की गोद में जो सर होता फिर मिरे अश्क भी तो बहते नाँ मेरे पहलू में चैन मिलता था मेरे पहलू में आप रहते नाँ आप कहते कि लौट आऊँगा आप इक बार तो ये कहते नाँ इल्म होता कि आप गुज़़रेंगे हम तो रस्ते में बैठे रहते नाँ