आप चाहें तो क्या नहीं होगा मुत्तसिल दूसरा नहीं होगा लो तलाशी मिरी कि अब मुझ में दिल मगर बा-सदा नहीं होगा है जुदा रंगत-ए-हिना भी तो आप सा पर जुदा नहीं होगा अपनी कश्ती के पासबाँ हो तुम जा-ब-जा ना-ख़ुदा नहीं होगा जाँ लुटा कर ये जान है ज़िंदा ख़ूब है अलविदा'अ नहीं होगा वहम-ए-ज़ीस्त-ओ-सवाल-ए-मेहर-ओ-वफ़ा तुझ से इंसाँ अदा नहीं होगा तुम मिरे पास गर नहीं होगे आप 'अहसन' मिरा नहीं होगा