आप जब भी क़रीब आते हैं दर-ओ-दीवार महक जाते हैं जब से देखा है आप को हम ने आप के ही ख़याल आते हैं अर्श पर चाँद जब नहीं होता कब सितारे ये जगमगाते हैं और भी लोग हैं ज़माने में बस हमें आप ही तो भाते हैं प्यार में ये दिखा दिया हम ने प्यार करते हैं तो निभाते हैं ये 'सलीम' आप का था आप का है लोग यूँही तो ख़ार खाते हैं