आप के आने से इक ऐसी फ़ज़ा बनती है हम जहाँ साँस भी खींचें तो हवा बनती है न दवाओं में असर है न दिलासों में कमी ऐसी बिगड़ी है कि अब सिर्फ़ दुआ बनती है वैसे जन्नत से बड़ा दिल तो नहीं है उस का लेकिन उस में मिरे जैसों की जगह बनती है पानी तो पानी है फिर मजनूँ हो या माहीवाल इश्क़ में बात बिगड़ जाती है या बनती है जो तुम्हें छोड़ दें फिर छोड़ दे दुनिया उन को ऐसे लोगों के लिए ऐसी सज़ा बनती है