आप क्या हैं आप को जाना तो अंदाज़ा हुआ दिल हुआ का'बा से बुत-ख़ाना तो अंदाज़ा हुआ कितना मुश्किल काम है तौबा का रखना बरक़रार सामने आया जो पैमाना तो अंदाज़ा हुआ शम'-ए-महफ़िल को न अंदाज़ा था अपनी आग का हो गया जब ख़ाक परवाना तो अंदाज़ा हुआ उन की आँखों में भी मस्ती है शराब-ए-नाब सी गिर गया हाथों से पैमाना तो अंदाज़ा हुआ कोई तब्दीली हुई है मेरी हालत में ज़रूर मुझ को अपनों ने न पहचाना तो अंदाज़ा हुआ मेरी बे-पायाँ मोहब्बत है फ़रेब-ए-हुस्न-ओ-इश्क़ कह गए वो हंस के दीवाना तो अंदाज़ा हुआ मैं शहंशाह-ए-दयार-ए-इश्क़ हूँ हैरत नहीं हो गया जब उन से याराना तो अंदाज़ा हुआ