आपका जब से आना हुआ ख़ुशनुमा आशियाना हुआ उन की बातें ग़ज़ल हो गईं अपना दिल शाइराना हुआ रात की क्या कहें रात भर उन का ख़्वाबों में आना हुआ इश्क़ कीजे तो मत सोचिए किस गली आना जाना हुआ दिल का पंछी वहीं जाएगा जिस जगह आब-ओ-दाना हुआ जिस के बिन एक पल बोझ था उस को देखे ज़माना हुआ क़द से साया बड़ा हो गया शाम का जियूँ जियूँ आना हुआ चैन इक पल नहीं है 'रतन' जब से दिल का लगाना हुआ