आशिक़ न अगर वफ़ा करेगा फिर और कहो तो क्या करेगा मत तोड़यो दिल सनम किसी का अल्लाह तिरा भला करेगा है आलम-ए-ख़्वाब हाल-ए-दुनिया देखेगा जो चश्म वा करेगा जीता न बचेगा कोई ज़ालिम ऐसी ही जो तू अदा करेगा कल के तो कई पड़े हैं ज़ख़्मी क्या जानिए आज क्या करेगा आ जाएगा सामने तू जिस के दिल क्या है कि जी फ़िदा करेगा क्या जानिए क्या करेगा तूफ़ाँ गर अश्क यूँही बहा करेगा 'बेदार' ये बैत-ए-दर्द रो रो फ़ुर्क़त में तिरी पढ़ा करेगा ''अपनी आँखों में तुझ को देखूँ ऐसा भी कभू ख़ुदा करेगा''