आता है कोई लुत्फ़ का सामाँ लिए हुए By Ghazal << अगर तुझ से हूँ तो फिर और ... आईने का मुँह भी हैरत से ख... >> आता है कोई लुत्फ़ का सामाँ लिए हुए होशियार ऐ ख़याल-ए-परेशाँ लिए हुए उस से न इज़्तिराब-ए-मोहब्बत को पोछिए जो जी रहा हो दर्द का एहसाँ लिए हुए बेचैन करवटों से ये ज़ाहिर है साफ़ साफ़ पिन्हाँ ही दिल में है ग़म-ए-पिन्हाँ लिए हुए Share on: