अब दिल बुझा बुझा है मुझे मार दीजिए जीने में क्या रखा है मुझे मार दीजिए दिल के मरज़ का अब नहीं दुनिया में कुछ इलाज ये इश्क़-ए-ला-दवा है मुझे मार दीजिए मैं बे-गुनाह हूँ तो यही है मिरी सज़ा ये फ़ैसला हुआ है मुझे मार दीजिए डरता हूँ आइने को लगाने से हाथ मैं कहता ये आईना है मुझे मार दीजिए मैं हूँ वफ़ा-शिआ'र यहाँ जी के क्या करूँ ये दौर-ए-बेवफ़ा है मुझे मार दीजिए वल्लाह बे-नश्शा न रही मेरी कोई शाम उखड़ा हुआ नशा है मुझे मार दीजिए ऐ जान-ए-दिल-बहार तेरी बे-रुख़ी के बाद अब मेरे पास क्या है मुझे मार दीजिए तन्हाइयों की क़ैद से घबरा के एक शख़्स आवाज़ दे रहा है मुझे मार दीजिए एक बात जोश जोश में सच कह गया हूँ मैं तुम को बुरा लगा है मुझे मार दीजिए तन्हाई मेरी उस से भी देखी नहीं गई उस ने भी ये कहा है मुझे मार दीजिए रश्क-ए-चमन बना है ये 'अर्पित' मिरा वजूद ख़ुशबू को छू लिया है मुझे मार दीजिए