अब जो सोया तो ये करूँगा मैं ख़्वाब के होंट चूम लूँगा मैं बज़्म में सच भी मैं ने बोला है ज़हर का जाम भी पियूँगा मैं ऐ मुझे मौत देने वाले सुन तू ही मर जाएगा जियूँगा मैं ये मिरे दोस्त की निशानी है चाक-ए-दामन भला सियूंगा मैं मुझ पे बस मेरी हुक्मरानी है यूँ जिया हूँ यूँही जियूँगा मैं