अब कहाँ लोग वो गिरतों को उठाने वाले कैसे बदलें हैं तिरे बा'द ज़माने वाले अपनी यादों के नगर से तो निकालो मुझ को तख़्ती-ए-दिल से मिरा नाम मिटाने वाले रख लिया कुछ तो भरम यार अजल ने तेरा हम तिरे ख़त थे सभी आज जलाने वाले एक शाइ'र की मोहब्बत में मगन है लड़की नाम लेते हैं तिरा बात बताने वाले चुन लिया हम ने मोहब्बत का ख़ुदा तुझ को और ता-क़यामत हैं कही अपनी निभाने वाले मेरी तस्वीर लगा कर वो बहाने से गले मेरा माज़ी हैं मुझे आज दिखाने वाले देख कैसा है तिरा हाल बिछड़ कर मुझ से प्यार 'अम्बर' का ज़माने से छुपाने वाले