अदावत दिल में रखते हैं मगर यारी दिखाते हैं न जाने लोग भी क्या क्या अदाकारी दिखाते हैं यक़ीनन उन का जी भरने लगा है मेज़बानी से वो कुछ दिन से हमें जाती हुई लॉरी दिखाते हैं उलझना है हमें बंजर ज़मीनों की हक़ीक़त से उन्हें क्या वो तो बस काग़ज़ पे फुलवारी दिखाते हैं मदद करने से पहले तुम हक़ीक़त भी परख लेना यहाँ पर आदतन कुछ लोग लाचारी दिखाते हैं डराना चाहते हैं वो हमें भी धमकियाँ दे कर बड़े नादान हैं पानी को चिंगारी दिखाते हैं दरख़्तों की हिफ़ाज़त करने वालो डर नहीं जाना दिखाने दो अगर कुछ सर-फिरे आरी दिखाते हैं हिमाक़त क़ाबिल-ए-तारीफ़ है उन की 'अकेला' जी हमीं से काम है हम को ही रंग-दारी दिखाते हैं