अफ़्साना मिरे दिल का दिल-आज़ार से कह दो बुलबुल के ज़रा दर्द को गुलज़ार से कह दो सौदा-ए-मोहब्बत ने किया है मुझे मजनूँ जा सिलसिला-ए-गेसू-ए-दिलदार से कह दो मुझ तिश्ना-ए-दीदार की है होंटों पे अब जान लिल्लाह ये चाह-ए-ज़क़न-ए-यार से कह दो गर्दन पे मिरी सर ये बहुत बार-ए-गराँ है तेग़-ए-दो-दम-ए-अबरू-ए-ख़मदार से कह दो उस चश्म से कह दो मिरी रंजूरी की हालत पैग़ाम ये बीमार का बीमार से कह दो हूँ बंदा-ए-उल्फ़त नहीं मज़हब की है ख़्वाहिश ये हाल मिरा सुब्हा-ओ-ज़ुन्नार से कह दो मंसूर-सिफ़त दिल से निकलता है अनल-हक़ ये हाल मिरा जल्द सर-ए-दार से कह दो मिज़्गान-ए-सितमगर ने किया मुझ को है बिस्मिल एजाज़-ए-मसीहा-ए-लब-ए-यार से कह दो 'आसिम' ही हुआ काफ़िर-ए-इश्क़-ए-शह-ए-ख़ादिम इस रम्ज़ को हर साहिब-ए-असरार से कह दो