अगर बर्बाद हो जाएँ By Ghazal << नेज़े पे सर चढ़ेगा सय्यद ... थी मेरे दिल की प्यास तपिश... >> अगर बर्बाद हो जाएँ तो हम भी याद हो जाएँ ख़ुदा उस को बना डालें चलो फ़रियाद हो जाएँ वही आबाद रहते हैं जो दिल बर्बाद हो जाएँ तमन्ना है तिरे लब से कभी इरशाद हो जाएँ करें फिर क्या मोहब्बत से अगर आज़ाद हो जाएँ ग़ज़ल 'मसऊद' की सुन लें तो ग़म भी शाद हो जाएँ Share on: