अगर किनारे पे ठेरने की जगह नहीं है तो उस सफ़ीने से अच्छी कोई जगह नहीं है जो हो सके तो अभी से सामान बाँध लीजे वो ख़ुद न कह दे यहाँ पर इतनी जगह नहीं है तिरे बराबर में रहने वाले तो कहते होंगे कि इस ज़मीं पर कहीं भी ऐसी जगह नहीं है तो क्यूँ न ख़ामोश रह के हमदर्दियाँ समेटें उसे पता है कि ये हमारी जगह नहीं है ये कैसे दिल में बसेरा करने को आ गए हम कि जिस के अतराफ़ में भी ख़ाली जगह नहीं है