अगरचे रंज बड़ा दिल दुखाने वाला था मगर मैं हँसने से कब बाज़ आने वाला था बचा लिया मियाँ लाइट ने वक़्त पे आ कर अंधेरा वर्ना मुझे नोच खाने वाला था तिरा ही जिस्म कोई मो'जिज़ा न कर पाया मैं तेरे हुस्न पे ईमान लाने वाला था मैं पहले ऐसा नहीं था उदास गुम-सुम सा बड़ा शरीर बड़ा मुस्कुराने वाला था