अगरचे सब से मिलेगी तुम्हारी शहज़ादी मगर तुम्हारी रहेगी तुम्हारी शहज़ादी जो देख लोगे ज़रा मुस्कुरा के तुम मुझ को ग़ज़ब के शे'र कहेगी तुम्हारी शहज़ादी शब-ए-विसाल अगर हो नसीब शहज़ादे तो बन के फूल खिलेगी तुम्हारी शहज़ादी तुम्हारे सामने तुम पर जो शे'र कहती है मुशायरों में पढ़ेगी तुम्हारी शहज़ादी जो रोओगे तो 'तबस्सुम' भी साथ रोएगी हँसाओगे तो हँसेंगी तुम्हारी शहज़ादी