अजब मैं हूँ अजब ही दिल है जानाँ ये पागल तुझ पे ही माइल है जानाँ जिसे सब कह रहे हैं अपना रहबर वही है हाँ वही क़ातिल है जानाँ यहाँ हामी नहीं कोई हमारा ये पूरा शहर ही बुज़दिल है जानाँ ज़माने के सितम हैं बे-तहाशा तिरा ग़म साथ में शामिल है जानाँ हमारी मौत का बाइ'स बनेगा लबों के पास जो इक तिल है जानाँ नहीं अगले जनम का भी दिलासा मुसलमाँ हूँ बड़ी मुश्किल है जानाँ