अज़ल थे है मुजे ख़ूबाँ सूँ इख़्लास अबद लग मुज है महबूबाँ सूँ इख़्लास अगर तूँ आशिक़-ए-सादिक़ है तालिब न कर तूँ बाज मतलूबाँ सूँ इख़्लास सकी का हुस्न कीता जज़्ब-ए-मौलूद उसी ते मुज है मज्ज़ूबाँ सूँ इख़्लास पियारी के छंदाँ है सब कूँ मर्ग़ूब मुजे लाज़िम है मरग़ूबाँ सूँ इख़्लास जो है मक्तूब मानिंद ख़ाल-ओ-ख़त सूँ धरूँ मैं उस थे मकतूबाँ सूँ इख़्लास नयन नारी के क़ुल्लाबे हैं मशहूर धरूँ मैं उस थे मक़लूबाँ सूँ इख़्लास नबी सदक़े क़ुतुब-शह कम-जिहत सदा धरता है तू ख़ूबाँ सूँ इख़्लास