हमारा सजन ख़ुश-नज़र बाज़ है तो उस दिल में सब इश्क़ का राज़ है गले हाथ दे खेले नारियाँ सूँ खेल जिसूँ खेले पीव ऊ सर-अफ़राज़ है अधर रंग भरे सुहते मानिक नमन कि याक़ूत रंग उन थे वरसाज़ है सक्याँ साईं छंद सूँ पँवाए अपस तुमन हुस्न के तीं सो ऊ नाज़ है सँवारे हैं मज्लिस पिया रूप सूँ मदन मुतरिब उस में ख़ुश-आवाज़ है सँवाँरया है मन-मोहनियाँ अपने तीं पिया कूँ ऐनू सूँ तुरुक ताज़ है नबी सदक़े 'क़ुतबा' पे आनंद-दार अली की मया थे सदा बाज़ है