अकेले अकेले ही पा ली रिहाई मुझे मारे जाती है तेरी जुदाई ये आहंग-ए-नग़्मा ये रंग-ए-तग़ज़्ज़ुल हर इक चीज़ तेरी ही ख़ातिर रचाई मरी जाँ ये कैसा सितम वक़्त का है है मेरी ही क़िस्मत में नौहा-सराई सितारों की गर्दिश दिलों का बिछड़ना ये कैसे ख़ुदा की है कैसी ख़ुदाई न पूछो अभी हाल 'आहन' का यारो कभी जाँ-ब-लब है कभी जाँ-फ़िदाई