अक्सर ये हालत होती है एक घड़ी मुद्दत होती है हम कैसे ज़िंदा हैं अब तक हम को भी हैरत होती है यार गिला करते रहते हैं यारों की आदत होती है कैसी रस्में कैसी शर्तें चाहत तो चाहत होती है दिल औरों का हो जाता है दिल की ये फ़ितरत होती है वस्ल के लम्हों ने समझाया दुनिया भी जन्नत होती है उन आँखों को याद करो तो दर्द में कुछ बरकत होती है