किसी भी शे'र में अच्छा बुरा क्या बस इतना देखिए किस ने कहा क्या अभी इंसाँ तो बन पाए नहीं हो बनोगे आदमी से देवता क्या सितारों में ये कैसी खलबली है फ़लक पर आ गया सूरज नया क्या किताबों से उसे फ़ुर्सत नहीं थी वो पढ़ता आप का चेहरा भला क्या तुम्हारी ही तरह हो जाऊँ या'नी बदल लूँ मैं भी अपना रास्ता क्या तरक़्क़ी कर रहा है मुल्क बे-शक तरक़्क़ी ने ग़रीबों को दिया क्या 'अमन' हम तो फ़क़ीर-ए-इश्क़ ठहरे फ़क़ीरी में ख़सारा फ़ाएदा क्या