अमीर-ए-शहर तुझे कब ध्यान मेरा है नई सड़क पे पुराना मकान मेरा है ज़मीं के चाँद-नुमाओं की हैसियत क्या है कि चाँद है जो सर-ए-आसमान मेरा है अब इंतिज़ार है किस का उछालिए सिक्का यक़ीन आप का है और गुमान मेरा है तिरी किताब-ए-बदन का मैं पहला क़ारी हूँ जहाँ जहाँ भी लगा है निशान मेरा है किसी को अलविदा'अ कहना है मुस्कुराते हुए बहुत कड़ा है मगर इम्तिहान मेरा है मैं अपने नाम से पहचाना जाता हूँ 'हाशिम' कोई क़बीला है न ख़ानदान मेरा है