कहानी इश्क़ की या'नी यही है यही है आग और पानी यही है मैं करता आया हूँ बस तेरे मन की मुझे लगता था मन मा'नी यही है वो मंज़र ख़ुश हों जिस से सारे नाज़िर बदल जाता है हैरानी यही है तिरे रुख़ से नहीं हटते किसी तौर निगाहों की निगहबानी यही है बहुत मुश्किल था उस को भूल जाना मैं मुश्किल में हूँ आसानी यही है