ऐन फ़ितरत से पेश आते हैं या'नी चाहत से पेश आते हैं ज़र्फ़ अपना है हम अदू से भी कुछ सुहूलत से पेश आते हैं जो भी मिलता है उन के कूचे का हम अक़ीदत से पेश आते हैं साथ मुश्किल में छोड़ने वाले अब नदामत से पेश आते हैं ऐसे लोगों से दूर रहता हूँ जो ज़रूरत से पेश आते हैं ये तिरे शहर के मकीं 'शाफ़ी' क्यूँ हिक़ारत से पेश आते हैं