अनोखा रूप धारा है निराला क़द निकाला है ज़रा सी शाख़ ने कैसा बड़ा बरगद निकाला है ख़ुशामद करने वाले के हुकूमत हाथ आई है जो अपनी जान पर खेला उसे सरहद निकाला है हज़ारों में किसी इक आध को दुनिया अता की है हमारे वास्ते उस ने यही फ़ीसद निकाला है कि उस को सूझती रहती है अपनी सी चलाने की कहीं तबरेज़ भेजा है कहीं सरमद निकाला है बहुत आसान है अल्लाह को मंज़र बदल देना अभी मसनद-नशीनी है अभी मसनद निकाला है अहद में मीम रखा हम्द से पहले अलिफ़ रखा अजब अंदाज़ से अल्लाह ने अहमद निकाला है कमाना और खाना ऐश करना और मर जाना नहीं 'मोमिन' अगर जीने का ये मक़्सद निकाला है