अपने क़ामत से बड़ा बनता है जिस को देखो वो ख़ुदा बनता है हम तो जैसे भी बने बन गए हैं देखिए आप का क्या बनता है वो मिरा तेरे सिवा बनता नहीं जो मिरा तेरे सिवा बनता है सच कहूँ जितना हसीं है ना तू ये जहाँ सदक़ा तिरा बनता है अब तो मैं और किसी की नहीं हूँ अब तो वो शख़्स मिरा बनता है