अपनी बातों को तोलना होगा By Ghazal << बजाए शबनम-ए-ताज़ा गुलों प... एक इक पता हवाओं से है लड़... >> अपनी बातों को तोलना होगा या'नी सूरज को बोलना होगा धूप कमरे में यूँ न आएगी उठ के दरवाज़ा खोलना होगा हादसे हैं शिकस्त-आमादा मौत को सर पे डोलना होगा नक़्श बिखरा दिए हवा ने सब एक इक ज़र्रा रोलना होगा आँख वाले से ये तक़ाज़ा है एक अंधा हूँ बोलना होगा Share on: