अपना पता मुझे बता बहर-ए-ख़ुदा तू कौन है तुझ पे हैं सारे मुब्तला बहर-ए-ख़ुदा तू कौन है नाम-ए-ख़ुदा सुना किया तेरे सिवा नहीं मिला सारी सिफ़त से है भरा बहर-ए-ख़ुदा तू कौन है तेरा हसद तो नाम था हो गया बंदा किस तरह तेरी ही ज़ात है बक़ा बहर-ए-ख़ुदा तू कौन है तेरे से हस्त कुल हुई थी तू अदम में बे-निशाँ हादी मुज़िल है बरमला बहर-ए-ख़ुदा तू कौन है मालिक-ए-दो-जहाँ है तू चाहे जिसे अता करे कर दे गदा को बादशा बहर-ए-ख़ुदा तू कौन है तेरे करम से ऐ शहा मैं ने ख़ुदा-नुमा हुआ था तू फ़ना बक़ा मिला बहर-ए-ख़ुदा तू कौन है 'मरकज़'-ए-जुमला-काएनात मज़हर-ए-ज़ात-ए-किब्रिया तेरे सिवा नहीं हुआ बहर-ए-ख़ुदा तू कौन है