आरज़ू तुम हो मुद्दआ तुम हो क्या ज़बाँ से कहूँ कि क्या तुम हो क्या ज़रूरत है आइने की मुझे मेरी हस्ती का आइना तुम हो दिल अभी तक नहीं समझ पाया अजनबी हो कि आश्ना तुम हो सेहन-ए-गुलशन में जा के राज़ खुला चेहरा-ए-गुल में रूनुमा तुम हो चाँद तारों शफ़क़ में फूलों में रंग हो नूर हो सबा तुम हो मुझ को तूफ़ान-ए-ग़म का ख़ौफ़ नहीं मेरी कश्ती के नाख़ुदा तुम हो तुम से क़ाएम है ज़िंदगी 'नग़मी' दिल की धड़कन की हर सदा तुम हो