असर-ए-सोज़-ए-ग़म दिखाए जा दिल के जज़्बात आज़माए जा मस्त आँखों का वास्ता साक़ी मैं पिए जाऊँ तू पिलाए जा मैं तिरे ज़ुल्म को भी लुत्फ़ कहूँ तू मुझे बे-वफ़ा बनाए जा जो मोहब्बत को जावेदाँ कर दे साज़-ए-दिल पर वो गीत गाए जा न दिखा जल्वा-ए-जमाल मगर अपनी दिलकश सदा सुनाए जा 'दर्द' तेरा है 'दर्द' का तू है ऐ ग़म-ए-दोस्त रंग लाए जा