तिरे ब'अद कोई भी ग़म असर नहीं कर सका कोई सानेहा मिरी आँख तर नहीं कर सका मुझे इल्म था मुझे कम पड़ेगी ये रौशनी सो मैं इंहिसार चराग़ पर नहीं कर सका मुझे झूट के वो जवाज़ पेश किए गए किसी बात पर मैं अगर-मगर नहीं कर सका मुझे चाल चलने में देर हो गई और मैं कोई एक मोहरा इधर-उधर नहीं कर सका कई पैकरों को मिरे ख़याल ने शक्ल दी जिन्हें रूनुमा मिरा कूज़ा-गर नहीं कर सका मिरे आस-पास की मुफ़्लिसी मिरी माज़रत तिरा इंतिज़ाम मैं अपने घर नहीं कर सका