तलाश करती है तुझ को मिरी नज़र हर सू जमाल-ए-रूह मिरे दिल की रौशनी है तू ये किस की याद ये किस का ख़याल आया है महक महक है तजल्ली किरन किरन ख़ुश्बू सुलग सुलग के सर-ए-शाख़ बुझ गईं कलियाँ मिरे बदन में था ख़्वाबीदा जिन का ज़ौक़-ए-नुमू मिरी निगाह में जल्वे ये किस सहर के हैं कि दाग़ दाग़ नए आफ़्ताब का है लहू