बात बन जाने का इम्कान भी हो सकता है मसअला कहने से आसान भी हो सकता है आप जिस बात को मा'मूली समझ बैठे हैं कोई इस बात पे हैरान भी हो सकता है एक सरगोशी तनावर भी तो हो सकती है तेरी हर बात का एलान भी हो सकता है गुमरही में जो मिरी राहबरी को आया ख़ुद वो भटका हुआ इंसान भी हो सकता है पेश-बंदी इसे तुम कहते हो मेरी लेकिन ब-ख़ुदा ये मिरा विज्दान भी हो सकता है तुम ने लफ़्ज़ों में जो टाँका है नगीने की तरह वो किसी और का फ़रमान भी हो सकता है मेरे रस्ते ही मिरी तज्रबा-गाहें हैं 'क़मर' गरचे इन राहों में नुक़सान भी हो सकता है