बदल बदल के तिरी बे-रुख़ी ने देखा है ये हादसा भी मिरी बेबसी ने देखा है मुझे ख़बर है कि ज़ुल्मत ठहर नहीं सकती मुझे पता है इसे रौशनी ने देखा है मिरी ग़ज़ल है सुलगते हुओं ने देखा है कि मेरा अक्स मिरी शाइ'री ने देखा है में झूम झूम गया ले के आसरा उस का कि मेरी सम्त अचानक ख़ुशी ने देखा है बिछड़ के जैसे दोबारा भी आ मिला हूँ उसे कुछ इस अदा से मुझे ज़िंदगी ने देखा है जो पूरे चाँद से बढ़ कर हसीन है यारो वो इक सितारा है जिस को सभी ने देखा है ये राज़ छुप नहीं सकता है मेरी बस्ती का सितम का सैल-ए-रवाँ हर किसी ने देखा है तू जिस भी रूप में आए तो जान जाएँगे ख़याल-ए-यार तुझे आशिक़ी ने देखा है वही 'निसार-तुराबी' जबीं का हासिल है वो एक सज्दा जिसे बंदगी ने देखा है