बदलते वक़्त की रफ़्तार क्या है मोहब्बत अब तिरा किरदार क्या है ज़मीं को छू रहा है आसमाँ अब तलब की राह में पैकार क्या है कटा कर सर भी मरता ही नहीं वक़्त हवा के हाथ में तलवार क्या है भुला बैठा हूँ मैं ख़ुद को भी लोगो मिरे काँधों पे अब ये बार क्या है अज़ल से है मिरी फ़ितरत में झुकना तो फिर सज्दों से मुझ को आर क्या है अनल-हक़ से अभी वाक़िफ़ नहीं मैं मुझे मा'लूम कब है दार क्या है मुझे है फ़ख़्र मैं ख़ाकी हूँ मेरी नज़र में नूर क्या है तार क्या है सबा से पूछता फिरता हूँ 'ऐमन' वफ़ा में फूल क्या है ख़ार क्या है