बढ़ गई कुछ और उलझन राब्ता करने के बा'द ख़ुद से भी शिकवा रहा उस से गिला करने के बा'द हम को मुड़ कर देखने की क्या ज़रूरत थी उसे कौन रुकता है यहाँ पर हादिसा करने के बा'द क्या क़यामत है कि घर से ढूँडने निकले हैं लोग ख़ुद को अपनी ख़्वाहिशों में लापता करने के बा'द मेरी सारी मुश्किलें हैं मेरे होने की दलील मैं कहाँ बाक़ी रहूँगा इल्तिजा करने के बा'द इस से बढ़ कर और क्या हम पर सितम होगा 'मुनीर' मशवरा माँगा है उस ने फ़ैसला करने के बा'द