बहुत मुश्किल हुआ रस्ता हमारा जब उस ने खो दिया नक़्शा हमारा मिला जब रौशनी से मुद्दतों बाद लिपट कर रो पड़ा साया हमारा बहुत महदूद है दुनिया हमारी नहीं निभ पाएगा रिश्ता हमारा अगरचे कोई भी आता नहीं था खुला रहता था दरवाज़ा हमारा नहीं इस में मोहब्बत के सिवा कुछ बहुत है मुख़्तसर क़िस्सा हमारा हमारी कोई क़ीमत ही नहीं है नहीं कर पाओगे सौदा हमारा न जाने कौन दस्तक दे गया है न जाने कौन है अपना हमारा तुम्हें अपना बनाया बोल कर झूट कहो कैसा लगा धोका हमारा