बन बन कर आज वस्ल की सूरत बिगड़ गई वो क्या बिगड़ गए मिरी क़िस्मत बिगड़ गई कहते हैं आज दुख़्तर-ए-साक़ी को देख कर ज़ाहिद से पारसा की भी निय्यत बिगड़ गई अच्छे बने ख़ुदा की क़सम वो शब-ए-विसाल ये कह के सो गए कि तबीअ'त बिगड़ गई बोसे के बदले दिल उन्हें देता तो ख़ूब था अफ़्सोस लेन-देन की सूरत बिगड़ गई 'साबिर' के सामने हुए ऐसे ज़लील ग़ैर इज़्ज़त तो क्या है उन की हक़ीक़त बिगड़ गई