बारहा दिल तोड़ना अच्छा नहीं मान जाओ रूठना अच्छा नहीं ज़िंदगी हर मोड़ पर ग़म दे चुकी अब तिरा मुँह फेरना अच्छा नहीं हाथ को हाथों में लेना ठीक पर चूड़ियों को तोड़ना अच्छा नहीं ग़ैर से मिलना गवारा है तुम्हें बस हमारा सामना अच्छा नहीं इश्क़ को संजीदगी से लो मियाँ इश्क़ में ये बचपना अच्छा नहीं जीतना मुश्किल है लेकिन हिज्र से यूँ मुसलसल हारना अच्छा नहीं