बस तुम्हारा मकाँ दिखाई दिया जिस में सारा जहाँ दिखाई दिया वो वहीं था जहाँ दिखाई दिया इश्क़ में ये कहाँ दिखाई दिया उम्र भर पर नहीं मिले हम को उम्र भर आसमाँ दिखाई दिया रोज़ दीदा-वरों से कहता हूँ तू कहाँ था कहाँ दिखाई दिया अच्छे-ख़ासे क़फ़स में रहते थे जाने क्यूँ आसमाँ दिखाई दिया