बे-ख़ुदी में ख़ुमार की बातें जब्र में इख़्तियार की बातें जज़्बा-ए-बे-क़रार की बातें हों न हों हैं बहार की बातें एक मुश्त-ए-ग़ुबार की बातें और इस ए'तिबार की बातें वो करें मुझ से प्यार की बातें हैं ये लैल-ओ-नहार की बातें बन गईं हाल-ए-ज़ार की बातें बातों बातों में प्यार की बातें दिल की गहराइयों से होती हैं दीदा-ए-अश्क-बार की बातें तूल ग़म को दें आप के दुश्मन कीजिए इख़्तिसार की बातें बे-क़रारी का राज़ बन जाएँ काश दिल के क़रार की बातें इन्क़िलाबात का फ़साना हैं गर्दिश-ए-रोज़गार की बातें अस्ल नैरंगी-ए-जहाँ का क्या चश्म-ए-बे-ए'तिबार की बातें ख़ूब चर्चे हुए मोहब्बत के ख़ूब सुनवाएँ प्यार की बातें सादगी ही में 'शाद' रहना है हैं गिराँ सब वक़ार की बातें