बेचैन वो रहता है मिरे पास से जा के देखा है कई बार मुझे उस ने भुला के आने से तिरे रंग बदल देगी तमन्ना अल्फ़ाज़ बदल जाएँगे ऐ दोस्त दुआ के ये बर्क़ ये गुल और चमकते हुए तारे सब जल्वे हैं ये आप के हँसने की अदा के मैं ने भी बताया कि मिरा हौसला क्या है तेवर तो बहुत तेज़ थे तूफ़ान-ए-बला के ज़ाहिर हुए जब राज़-ए-मोहब्बत तो ख़लिश क्या जाता है तो जाए कोई दामन को छुड़ा के हम क़ुव्वत-ए-पर्वाज़ में सानी नहीं रखते तोड़े हैं जो दर बंद थे हम ने ही ख़ला के ये मान लिया हम तो हैं नाकाम-ए-मोहब्बत तुम और किसी से भी दिखाओ तो निभा के बेबाक निगाहों में मिरी ऐसी कशिश थी वो भूल गए आज तो अंदाज़ हया के इन आँखों में आँसू थे मिरा हाल जो देखा मंज़िल ने क़दम चूम लिए आबला पा के वो रोज़ 'सुहैल' एक नई छेड़ करे है वो यूँही बिगाड़ेगा मिरी बात बना के