बे-कसी में असर यगाना है दिल भी उस का नहीं बेगाना है ग़रज़ आईना-दारी-ए-दिल से तेरा जल्वा तुझे दिखाना है मिस्ल-ए-नक़्श-ए-क़दम में जब तईं हूँ आँखें हैं और ये आस्ताना है यही तार-ए-नफ़स की आमद-ओ-शुद जामा-ए-तन का ताना-बाना है गले मिलना न गो कि हाथ लगे लेक मंज़ूर दिल मिलाना है नाम अन्क़ा निशान तेरे का जूँ नगीं दिल में आशियाना है दोस्त दुश्मन सभी हुए हैं तेरे क्या बुराई का अब ज़माना है दिल-ए-गुम-गश्ता को मैं ढूँडूँ कहाँ न कहीं ठोर ने ठिकाना है है दीवाना ब-कार-ए-ख़ुद होश्यार ये न समझो 'असर' दीवाना है