बे-मदद हक़ के करें क्या मर्दुम-ए-दुनिया मदद

बे-मदद हक़ के करें क्या मर्दुम-ए-दुनिया मदद
कब तलक बाला मदद ऐ आलम-ए-बाला मदद

खींचता हूँ ना'रा-ए-हक़ खेलता धमाल हूँ
ऐ मिरे साईं मदद दाता मदद मौला मदद

अब किसी मूज़ी को जुड़ता हूँ फिर एक भंग घोटना
हो मदद हक़ हो मदद हो हो मदद हाहा मदद

फ़िर्क़ा-ए-याजूज-ओ-माजूज आ बहम लड़ते हैं जब
वहाँ करे है आशिक़ों की भंग का सोंटा मदद

जितने हैं नासूत की अबद होत भागें हो के भूत
एक चुटकी भर जो कर बैठे भबूत अपना मदद

थी निगह-मस्तों की जून रजब hathelii की चेहरे
हज़रत-ए-वहशत मदद ऐ जोशिश-ए-सौदा मदद

जी में है बन कर ज़राई ले आप भी ललकारिये
की न मर्द आदमी-पन ने गिरा ऐ 'इंशा' मदद

नाम पर सालार-ए-दिल के इश्क़-ए-कूड़ा फिर कोई
गा हिना दोला मदद जल्वा मदद सेहरा मद


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